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डिप्रेशन (Depression) क्या है: अवसाद के लक्षण और इलाज

डिप्रेशन जिसे हिंदी में हम अवसाद कहते हैं यह एक ऐसी मानसिक स्थिति है जहाँ पे इंसान को एक लंबे अंतराल के लिए दुख या अकेलापन महसूस होता है। कभी-कभी तो अकारण भी उन्हें रोना या दुख होना जैसा लगता रहता है जबकि उनकी जिंदगी में ऐसा दुखद कुछ भी हुआ नहीं होता है। हालाँकि भारत में इसके बारे में कम जानकारी होने के कारण लोग अक्सर इसके लक्षण को इग्नोर करते हैं और उससे यह और ज्यादा बढ़ने लगता है। सही वक्त पर सही इलाज की जरूरत होती है ऐसे लोगों को वरना वे इस डिप्रेशन के चंगुल से निकल नहीं पाते। कई लोग यह सोचते हैं कि यह सामान्य दुख है जबकि डिप्रेशन और दुख में खास अंतर होता है। हम आगे इस ब्लॉग में यह सब जानेंगे इसलिए इसे ध्यान से पढ़िए। और आपके आस-पास या आपको भी इसके लक्षण दिख रहे हैं तो जल्दी ही किसी डॉक्टर से संपर्क करें।

अवसाद (डिप्रेशन - Depression) सामान्य उदासी में क्या अंतर है?

उदासी या दुख की बात करें तो ये कुछ अंतराल के लिए आता है और सबसे बड़ी चीज़ इसमें ये होती है इसकी कोई वजह होती है। जबकि अगर डिप्रेशन या अवसाद की बात करें तो इसकी कोई वजह नहीं होती, ये बस एक मानसिक स्थिति है। और इसको ठीक होने में कभी-कभी महीनों या सालों लग जाते हैं। कई तरह के ट्रीटमेंट्स अभी मौजूद हैं जिसकी मदद से ये ठीक किया जा सकता है। अगर आपको भी ये समझने में दिक्कत आ रही है कि आपको डिप्रेशन है या सामान्य दुख तो आप ये देख सकती हैं

अंतर अवसाद (डिप्रेशन) सामान्य उदासी
कारण दिमागी परेशानी, तनाव, बुरी घटनाएँ किसी दुखद बात या असफलता से
दिन हफ्तों, महीनों या सालों तक कुछ घंटों या दिनों में ठीक हो जाता है
लक्षण हर समय दुखी रहना, थकान, कुछ अच्छा न लगना, नींद-भूख में बदलाव थोड़ी देर के लिए दुखी रहना, लेकिन बाकी काम करना
असर रोजमर्रा की जिंदगी, काम और रिश्तों पर बुरा असर जल्दी ठीक हो जाता है, ज्यादा असर नहीं पड़ता
इलाज डॉक्टर की मदद, दवाइयाँ, थेरेपी जरूरी हो सकती है बिना इलाज खुद ठीक हो जाता है
खतरा बहुत ज्यादा दुख, आत्महत्या के ख्याल आ सकते हैं कोई बड़ा खतरा नहीं होता

डिप्रेशन (अवसाद - Depression) के प्रमुख लक्षण क्या हैं?

  • हर वक्त उदास और खाली-खाली महसूस करना।
  • किसी भी चीज़ में दिलचस्पी नहीं रहना, जो पहले पसंद थी।
  • बिना वजह थकान और सुस्ती महसूस होना।
  • ठीक से नींद न आना या जरूरत से ज्यादा सोना।
  • भूख कम हो जाना या बहुत ज्यादा बढ़ जाना।
  • खुद को बेकार और दोषी महसूस करना।
  • किसी भी चीज़ पर ध्यान नहीं लगा पाना।
  • छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा या चिड़चिड़ापन होना।
  • बिना किसी कारण शरीर में दर्द या सिरदर्द रहना।
  • कभी-कभी मरने या खुद को नुकसान पहुँचाने का ख्याल आना।

डिप्रेशन (अवसाद - Depression) के मुख्य कारण क्या हैं?

  • हार्मोन में बदलाव (जैसे गर्भावस्था या थायरॉयड की समस्या)
  • दिमाग में रसायनों का असंतुलन (सेरोटोनिन और डोपामिन की कमी)
  • परिवार में किसी को पहले डिप्रेशन होने पर खतरा ज्यादा होता है
  • ज्यादा चिंता करना या हमेशा नकारात्मक सोचना
  • बचपन में किसी बुरी घटना का अनुभव
  • परिवार या दोस्तों से दूरी महसूस करना
  • नौकरी या पैसों की परेशानी
  • किसी अपने को खोने का गम (मृत्यु, तलाक, ब्रेकअप)
  • सही खाना न खाना और व्यायाम न करना
  • शराब या नशे की लत
  • नींद पूरी न होना

क्या डिप्रेशन (अवसाद - Depression) का इलाज संभव है?

अवसाद का इलाज बिलकुल संभव है अगर आप अच्छे रिहैबिलिटेशन सेंटर जाते हैं या किसी अच्छे साइकेट्रिस्ट से संपर्क करते हैं। आपको या आपके परिवार में किसी को ऐसा लगता है कि वो डिप्रेशन में है तो बिना देरी किए आप अपॉइंटमेंट लें और अपनी समस्या के बारे में बताएं। इसका इलाज कई तरीकों से होता है।

  • थेरेपी: इसमें डॉक्टर आपकी बातें सुनते हैं, समझते हैं.. और उन बातों के आधार पर आपको सलाह देते हैं। आपके अकेलेपन की स्थिति में मानसिक तनाव से दूर करते हैं।
  • दवाइयाँ: थेरेपी के आधार पर वो अवसाद से गुजर रहे मरीज़ को दवाइयाँ भी लेने की सलाह देते हैं। अकसर ये दवाइयाँ मानसिक स्थिति को शांत करने के लिए दी जाती हैं और साथ ही नींद की गोलियां भी दी जाती हैं। ऐसी दवाइयाँ आप तभी लें जब आपके डॉक्टर ने आपको कहा हो अन्यथा इसके साइड-इफेक्ट्स आपको झेलने पड़ सकते हैं।
  • जीवन शैली में बदलाव: हम अकसर देर से उठते हैं, बाहर का प्रोसेस्ड फूड खाते हैं, देर से सोते हैं, आलस दिखाते हैं। इन सबके कारण हमारी मानसिक स्थिति और ज़्यादा नकारात्मक होती चली जाती है। इसलिए ज़रूरी है कि आप अच्छा खाएं और अच्छे कार्यों को करने में वक्त बिताएं जैसे कि योग, व्यायाम।
  • सहयोग: कभी-कभी हम अकेला महसूस करते हैं अगर हमें कोई सुनने वाला न हो तो, खास करके अगर कोई अवसाद में है। ऐसे में अपने दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना और उनसे बिना सोचे-समझे बातें करना बहुत ही लाभदायक होता है।

डिप्रेशन (अवसाद - Depression) के लिए प्रभावी थेरेपी

अवसाद (डिप्रेशन) के इलाज के लिए कई प्रकार की थेरेपी प्रभावी होती हैं। सही थेरेपी व्यक्ति की स्थिति और जरूरतों के अनुसार चुनी जाती है। यहाँ कुछ मुख्य थेरेपी दी गई हैं:

  • संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (Cognitive Behavioral Therapy - CBT): यह थेरेपी व्यक्ति की नकारात्मक सोच को पहचानने और उसे सकारात्मक विचारों में बदलने में मदद करती है।
  • मनोविश्लेषणात्मक थेरेपी (Psychoanalytic Therapy): यह थेरेपी व्यक्ति के अवचेतन मन में दबी हुई भावनाओं और बीते हुए अनुभवों को समझने में मदद करती है।
  • इंटरपर्सनल थेरेपी (Interpersonal Therapy - IPT): इस थेरेपी में व्यक्ति के रिश्तों और सामाजिक जीवन से जुड़े कारणों को समझकर अवसाद का समाधान किया जाता है।
  • व्यवहारगत सक्रियण थेरेपी (Behavioral Activation Therapy): इसमें व्यक्ति को उन गतिविधियों में शामिल किया जाता है जो उसे खुशी देती हैं और डिप्रेशन को कम करती हैं।
  • माइंडफुलनेस थेरेपी (Mindfulness-Based Therapy - MBT): यह थेरेपी ध्यान (मेडिटेशन) और जागरूकता तकनीकों के माध्यम से व्यक्ति को वर्तमान में जीने और तनाव को कम करने में मदद करती है।

Frequently Asked Question

नहीं, उन्हें भावनात्मक सहारा और अपनों का साथ बहुत जरूरी होता है।
हाँ, इससे अनिद्रा या बहुत ज्यादा सोने की समस्या हो सकती है।
नियमित व्यायाम, हेल्दी डाइट, अच्छी नींद और पॉजिटिव सोच डिप्रेशन से बचा सकते हैं।
कभी-कभी, यदि परिवार में किसी को रहा हो तो संभावना बढ़ सकती है।
हाँ, पढ़ाई का दबाव, पारिवारिक तनाव और सामाजिक दबाव इसे बढ़ा सकते हैं।
हाँ, व्यायाम एंडोर्फिन बढ़ाता है, जो मूड सुधारने और तनाव कम करने में मदद करता है।
जब उदासी लंबे समय तक रहे, आत्महत्या के विचार आएं या रोजमर्रा के काम प्रभावित हों।
हाँ, योग और ध्यान मानसिक शांति देते हैं और डिप्रेशन के लक्षण कम करते हैं।
हाँ, गंभीर अवसाद में आत्मघाती विचार आ सकते हैं, तुरंत मदद लेना जरूरी है।
मनोवैज्ञानिक थेरेपी देते हैं, जबकि मनोरोग विशेषज्ञ थेरेपी के साथ दवाइयाँ भी लिख सकते हैं।

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